Jain Acharyas
1) केवली २) श्रुत केवली 3) ११ अंग, १० पूर्व के पाठी 4) अंग पूर्व के धारी 5) एक अंग एवं पूर्व के धारी 6) प्रथम श्रुत स्कंध 7) द्वितीय श्रुत स्कंध 8) सिद्धांत, अध्यात्म ज्ञानयोग 9) न्याय एवं कर्मयोग 10) लोक, ज्योतिष, औषधि योग 11) चारित्र योग 12) मंत्र एवं भक्ति योग 13) कथानुयोग